छत्तीसगढ़ राज्य विरूद्ध प्रकाश साहू
धारा 306 भारतीय दंड संहिता के आरोप को सिद्ध करने के लिये यह प्रमाणित किया जाना आवश्यक है कि अभियुक्तगण व्दारा मृतिका के साथ इस सीमा तक क्रूरता एवं प्रताड़ना की गयी कि उसके पास जान देने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं था और ऐसी क्रूरता एवं मृत्यु के बीच अधिक अंतराल नहीं होना चाहिये।
न्यायालय- सत्र न्यायाधीश, दुर्ग, जिला-दुर्ग (छ.ग.)
(पीठासीन न्यायाधीश- नीलम चंद सांखला)
सत्र प्रकरण क्रमांक 72/2015
संस्थित दिनांक 17.07.2015
सी.आई.एस.नंबर 15000722015
अभियोजन --------- छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से आरक्षी केन्द्र-सुपेला, जिला-दुर्ग विरूद्धअभियुक्तगण --------- (1) प्रकाश साहू आ. सुंदरलाल साहू, आयु-43 वर्ष, साकिन-मकान नंबर- 169, सुंदरनगर, भिलाई, थाना- सुपेला, जिला-दुर्ग (छ.ग.) (2) पूर्णानंद साहू आ. कृषलाल साहू, आयु-29 वर्ष,
साकिन-मोखला, थाना- लालबाग, जिला- राजनांदगॉंव (छ.ग.)
आरक्षी केन्द्र सुपेला, जिला-दुर्ग
अपराध क्रमांक 52/2015
अंतर्गत धारा धारा-306, धारा 304(ख) एवं 498(क) भारतीय दंड संहिता, 1860
गिरफ्तारी दिनांक 14.05.2015 एवं 20.05.2015
निर्णय दिनांक 10 फरवरी 2017
अधिनस्थ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभियोग पत्र अभियोग पत्र प्रस्तुति दिनांक 25.06.2015 आपराधिक प्रकरण क्रमांक 4323/2015 उपार्पण आदेश दिनांक 10.07.2015
पैरवीकर्ता अधिवक्तागण : अभियोजन के लिये ............. श्री सुदर्शन महलवार, लोक अभियोजक। अभियुक्तगण के लिये ........ श्री पी. रविन्दर बाबू, अधिवक्ता। प्रार्थीगण के लिये ............. श्री एम.के. खान, अधिवक्ता
।। निर्णय ।।
( आज दिनांक 10 फरवरी 2017 को घोषित)